नई दिल्ली। JNU के लापता छात्र नजीब के बारे में ISIS से संबंध रखने की जो बात कही जा रही थी उसे दिल्ली पुलिस ने खारिज कर दिया। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपेंन्द्र पाठक ने बताया कि पुलिस जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि उसके ISIS से किसी भी तरह के संबंध हैं।
दीपेंन्द्र पाठक ने कहा कि उसकी तलाश जारी है और अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। कुछ समय पहले मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि पुलिस जांच में नजीब के ISIS से संबंधों के सुबूत मिले हैं। खबरों में यह दावा किया गया था कि नजीब के लैपटॉप से यह जानकारी मिली है कि वह आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (ISIS) से जुड़ी जानकारी जुटा रहा था। वह गूगल पर ISIS से जुड़े वीडियो सर्च करता था। वह ISIS की विचारधारा से प्रभावित था और उससे जुड़ने की कोशिश में था। नजीब अहमद की ब्राउजिंग हिस्ट्री की रिपोर्ट से यह पता चला था। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि गूगल और यूट्यूब की तऱफ से इस बारे में रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी। हालांकि दीपेंन्द्र पाठक ने ऐसी किसी रिपोर्ट मिलने से भी इनकार किया। जेएनयू से लापता एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल अब भी गर्म है।
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर की देर रात JNU के माही हॉस्टल में नजीब अहमद व एबीवीपी समर्थित छात्रों के बीच मारपीट हुई थी। उसके बाद से 15 अक्टूबर की सुबह से नजीब जेएनयू से लापता है। मामले ने सियासी तूल पकड़ा और गृह मंत्रालय के आदेश पर पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने जांच के लिए एडिशनल डीसीपी मनीषी चंद्रा के नेतृत्व में विशेष जांच दल बनाया।