यूपी का मुख्यiमंत्री बनने के बाद ताबड़तोड़ फैसले करके सुर्खियों में आए योगी आदित्य नाथ की पहली कैबिनेट पर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की नजर लगी हुई है। सबसे बड़ी वजह किसानों की कर्जमाफी के वादे से जुड़ी है। उनके फैसलों की वजह से लोगों की उम्मीीदें बढ़ गई हैं। सरकार के कई मंत्री कह चुके हैं कि इसी बैठक में कर्जमाफी पर फैसला हो जाएगा। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि पहली कलम से लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य कह चुके हैं कि संकल्प् पत्र हमारे लिए धर्म ग्रंथ जैसा है। उसमें किया गया हर वादा निभाया जाएगा। आपको बता दें कि पार्टी ने ‘मुफ्त’ के जो पांच बड़े वादे किए हैं उससे ही सरकार पर करीब 35 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है। जबकि उत्तकर प्रदेश सरकार पर इस वक्तक 2,95,770 करोड़ रुपए का कर्ज है।
यूपी बीजेपी के यूपी मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक पहली कैबिनेट में ही कर्जमाफी की संभावना है। सभी वादों को पूरा करने में 35 हजार करोड़ से ज्या दा खर्च होगा। वैसे हमें बैठक तक इंतजार करना चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीहय प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में क्या होने वाला है यह पार्टी नहीं बताएगी, इसलिए पांच बजे तक इंतजार करना अच्छाक होगा।
कृषि एवं कल्या्ण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में इस समय छोटे-बड़े करीब 79 लाख किसानों पर कर्ज है। भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि यूपी में 86,241 करोड़ रुपये का किसान कर्ज बाकी है। इसमें लघु एवं सीमांत किसानों का 27,420 करोड़ रुपये का कर्ज बीजेपी के वादे के हिसाब से माफ करना होगा।
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