ग्लासगो : ब्रिटेन में एक 11 साल की स्कूली छात्रा द्वारा अपने टीचर्स को दी गई ‘नसीहत’ काफी सुर्खियां बटोर रही है। स्कूल में टीचर्स द्वारा बच्चों को सामूहिक तौर पर दी जाने वाली सजा की तुलना ‘युद्ध अपराध’ से करते हुए अवा नाम की इस बच्ची ने लिखा है कि जिनीवा संधि के तहत उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्ची के पिता ने ट्विटर पर अपनी बेटी की इस मासूमियत भरी बात को शेयर किया तो एक लाख से ज्यादा लोगों ने इसे रीट्वीट किया और उन्हें अपनी सलाह भी दी।
My daughter actually submitted this feedback at school. Not sure if I should ground her or buy her ice cream… pic.twitter.com/4v8Gjb9riv
— Mason Cross (@MasonCrossBooks) May 25, 2017
लड़की के पिता ने ट्विटर पर लिखा, ‘मेरी बेटी ने स्कूल में अपने फीडबैक में वास्तव में यह बात लिखी है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इसके लिए उसे सजा दूं या उसे आइसक्रीम खरीद कर दूं।’ ट्वीट के साथ उन्होंने उस फीडबैक फॉर्म भी तस्वीर भी शेयर की है जो अवा ने स्कूल में भरा था।
‘मेरे टीचर क्या चीजें बेहतर कर सकते हैं?’ फीडबैक फॉर्म में पूछे गए इस सवाल के जवाब में अवा ने लिखा, ‘उन्हें सामूहिक सजा नहीं देनी चाहिए क्योंकि यह उन लोगों के साथ अन्याय होता है जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया होता और 1949 के जिनीवा संधि के तहत यह युद्ध अपराध है।’ बता दें कि जिनेवा संधि अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के दौरान युद्ध अपराधों और युद्ध बंदियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार से संबंधित है।
बहरहाल, देखते ही देखते यह ट्वीट वायरल हो गया और लोग इसे लेकर प्रतिक्रिया देने लगे। ज्यादातर लोगों ने पिता को सलाह दी कि सजा देने के बजाय उन्हें अपनी बेटी को आइसक्रीम खिलानी चाहिए। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि इस ज्ञानी बच्ची को जिंदगीभर आइसक्रीम खिलानी जानी चाहिए। कुछ ने कहा कि उसे किताबें दीजिए।
The people have spoken. pic.twitter.com/lW2n3sd7Nq
— Mason Cross (@MasonCrossBooks) May 25, 2017