NIA की छापेमारी में अलगावादियों के हवाला कारोबारियों से संबंधों के मिले सबूत, करोड़ों का कैश भी बरामद

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अलगाववादियों द्वारा कश्मीर में हिंसा फैलाने के मामले में पाक से फंडिंग के मामले में NIA की दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रही। NIA की टीम ने कश्मीर में अलवादियों के ठिकानों से लेकर दिल्ली में हवाला कारोबारियों तक के कुल 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी। आज दूसरे दिन भी NIA ने श्रीनगर में अलगाववादियों के 5 ठिकानों पर छापेमारी की।

इस छापेमारी में अब कर जांच टीमों को करीब ढाई करोड़ कैश बरामद हुआ है इसके अलावा छापेमारी में ज्वैलरी, सिक्के और जायदाद के दस्तावेज भी मिले हैं और अफसरों को लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसी आतंकी संगठनों के लेटरहेड मिले हैं। कुल मिलाकर NIA की टीम पिछले 2 दिनों में अलगाववादियों और हवाला कारोबारियों के 26 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कश्मीर के 18, दिल्ली के 7 और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर एक जगह छापेमारी की।

सूत्रों के मुताबिक हवाला कारोबार के शक में टीम ने पुरानी दिल्ली के बाल्लीमारन और चांदनी चौक में छापेमारी की। कथित तौर पर यह पाकिस्तान में बैठे एलईटी और अन्य लोगों इन्हीं के जरिए अलगाववादियों को फंडिंग करते हैं। ईडी की ओर से छापेमारी की कार्रवाई उस समय शुरू की गई जब एनआईए ने सैयद अली शाह गिलानी, नईम खान और फारुख अहमद डार जैसे अलगाववादियों के फंडिंग सोर्स को लेकर प्रारंभिक जांच शुरू की। एनआईए की ओर से की गई कार्रवाई को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता गिलानी ने “कश्मीर में आजादी के आंदोलन को बदनाम करने” के रूप में परिभाषित किया है। वहीं, उनके प्रवक्ता ने छापेमारी में कैश मिलने की बात को खारिज किया। उनका कहना है कि यह गिलानी साहब पर दबाव बनाने की चाल है। ऐसा 2002 में भी हो चुका है जब उनके (गिलानी) एक दामाद को निशाने पर लिया गया था और झूठे मामले दर्ज किए गए थे। अब फिर से वही किया जा रहा है।

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आपको बता दें कि न्यूज चैनल आजतक ने हाल ही में कश्मीर में टेरर फंडिंग को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए बड़ा खुलासा किया था। जिसमें नईम को घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से पैसा लेने की बात कबूलते देखा गया था।

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इस स्टिंग ऑपरेशन को देखने के बाद NIA हवाला ऑपरेटर्स के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रही है। माना जा रहा है कि अलगाववादियों को हवाला के जरिए ही घाटी में अशांति और तनाव फैलाने के लिए फंडिंग की जाती है। कश्मीर में हवाला ऑपरेटरों के एक्टिव रहने के कारण ही पत्थरबाज हावी हो रहे हैं और सेना व सरकार के हर फैसले के खिलाफ सड़कों पर छात्रों को उतरने के लिए उकसा रहे हैं।