5300 साल पुराने मर्डर केस की अब हो रही है जांच, जानिए कैसे मिल रहे हैं हैं सबूत और कौन है आरोपी

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उत्तरी इटली के दूरदराज इलाके में 5,300 साल पहले एक आदमी की हत्या हुई थी. हाल ही में पुलिस ने उसके कत्ल की जांच शुरू की है. दरअसल, ओएट्ज़टैलर आल्प्स के इलाके में ओएट्ज़ी नाम के इस हिममानव (आइसमैन) की पीठ में किसी ने तीर मार दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी. उसकी लाश बर्फ के आगोश में सदियों तक दफ्न रही. और इस तरह से ओएट्ज़ी धरती का सबसे पुराना और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित की हुई ममी बन गया.

1991 में पहली बार उसे खोजा गया. वैज्ञानिकों ने इसके दस साल बाद उसके कंधे में लगे तीर के अगले हिस्से को खोज निकाला. और हाल ही में पुलिस के सीनियर जासूसों की एक टीम ने इस बात की तफ्तीश शुरू की है कि ओएट्ज़ी को किस तरह से मारा गया था. म्यूज़ियम की डायरेक्टर एंगेलिका फ़्लेकिंगर ने ओएट्ज़ी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पेशेवर जानकारों की मदद मांगी है. म्यूनिख पुलिस डिपार्टमेंट के डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर अलेक्जेंडर हॉर्न ओएट्ज़ी केस की जांच करेंगे.

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वो कहते हैं, “मैंने अब तक ज्यादा से ज्यादा 20 साल या शायद 30 साल पुराना केस हैंडल किया है. लेकिन इस बार मुझे 5,300 साल पुराने केस को सुलझाने के लिए कहा गया है.” शुरू में अलेक्जेंडर को लगा कि वो कोई मदद नहीं कर पाएंगे. उन्होंने बताया, “मुझे लगा कि लाश खराब स्थिति में होगी. लेकिन जल्द ही मुझे पता चला कि ये अच्छी स्थिति में है. शायद मेरे पास आने वाली कुछ लाशों से कहीं बेहतर.” अलेक्जेंडर मामले की तफ्तीश के लिए ओएट्ज़टैलर आल्प्स के क्राइम सीन पर भी जाएंगे.

पिछले 25 साल में ओएट्ज़ी केस में जो भी खोजबीन हुई है, उससे अलेक्जेंडर को मदद मिलेगी. ओएट्ज़ी के जख्म और उसका अमाशय भी कत्ल का कुछ सुराग दे सकता है.अलेक्ज़ेंडर कहते हैं, “यह काफी हद तक कत्ल का मामला लगता है. ओएट्ज़ी इस अचानक हुए इस हमले के लिए तैयार नहीं रहो होगा. ऐसा लगता है जैसे उसे थोड़ी दूर से निशाने पर लिया गया होगा. हमलावर कोई 100 फुट के फासले पर मौजूद रहा होगा.”वो आगे कहते हैं, “मारे जाने के एकाध घंटे पहले वह शायद वहां आराम कर रहा था. शायद उसने काफी खा लिया था. इसलिए वो शायद वहां से जाने की जल्दी में नहीं था.”

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ओएट्ज़ी के दाहिनी हाथ का जख्म भी एक अहम सुराग है. मौत के एक या दो दिन पहले उसे ये जख्म लगा था. शायद किसी से झगड़ा हुआ होगा.अलेक्ज़ेंडर का मानना है कि ये जख्म हाथापाई में बचाव के दौरान लगा लगता है. इससे ये भी मालूम देता है कि ओएट्ज़ी ये लड़ाई जीत गया होगा.मुमकिन है कि आमने-सामने की लड़ाई में हारने के बाद हमलावर ने ओएट्ज़ी का पीछा किया होगा और फिर घात लगाकर हमला किया होगा.लेकिन ये सवाल फिर भी रह ही जाता है कि इस कत्ल का मकसद क्या हो सकता था?अलेक्जेंडर कहते हैं, “हमलावर ने ओएट्ज़ी की तांबे की कुल्हाड़ी और दूसरे सामान नहीं लिए. इसलिए ये कत्ल किसी फायदे के लिए किया गया हो, ऐसा नहीं लगता. अगर बात नफरत, जलन या बदले की रही हो तो ये बताना मुश्किल है.”

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हालांकि म्यूजियम की डायरेक्टर एंगेलिका फ़्लेकिंगर ओएट्ज़ी केस की तफ्तीश से बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि मामले में प्रगति हुई है.लेकिन अलेक्ज़ेंडर खुश नहीं लगते. वे कहते हैं कि शायद ही हम ये केस कभी सुलझा पाएं.चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट के साथ वो कहते हैं, “कातिल कत्ल करके बच गया, जांच के लिए जिम्मेदार होने के नाते, ये मुझे पसंद नहीं.”