अमेरिका के अोबामा प्रशासन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने की भारत की मुहिम में रोड़े अटकाने के लिए चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कम्युनिस्ट देश नई दिल्ली के प्रयास में ‘अवरोधक’ की तरह काम कर रहा है। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से एक अवरोधक है जिसका निदान करने की जरूरत है और वह चीन है।’
उनका यह बयान उस वक्त आया है जब कुछ दिन बाद ही ओबामा प्रशासन का कार्यकाल खत्म हो जाएगा और ट्रंप प्रशासन की शुरुआत होगी। अधिकारियों का कहना है कि चीनी प्रतिरोध की वजह से भारत एनएसजी का सदस्य नहीं बन सका। एनएसजी में सहमति के आधार पर फैसला होता है। निशा ने कहा, ‘राष्ट्रपति (बराक ओबामा) अपने इस विश्वास को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं कि भारत एनएसजी के लिए पात्रता रखता है और अमेरिका इस समूह में भारत के प्रवेश का समर्थन करता है।’