बधाई देने आये नवाज की पीएम मोदी ने लगाई लताड़

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मोदी
फाइल फोटो

कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन समिट चल रही है। इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने चीन को एससीओ की कामयाबी पर बधाई देते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए बिना नाम लिए पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की। अस्ताना में SCO समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानव मूल्यों का सबसे बड़ा दुश्मन है। लिहाजा सभी देशों को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी देशों के साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक हैं।

 

मोदी ने कहा कि पर्यावरण को लेकर भी SCO अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है। वहीं नवाज शरीफ ने SCO में शामिल होने के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि SCO सदस्यों के बीच अच्छे रिश्ते बेहद जरूरी हैं। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंक का पीड़ित रहा है। ऐसे में SCO आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाएगा। पीएम मोदी के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने SCO समिट को संबोधित किया। अहम बात यह है कि भारत के इसमें शामिल होने से चीन का प्रभुत्व कम होगा। वहीं, बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने SCO में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन और प्रयास करने के लिए चीनी राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया।

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हाल ही में सीमा विवाद और वन बेल्ट वन रोड परियोजना को लेकर दोनों देशों के बीच पैदा हुए मतभेद के मद्देनजर यह मुलाकात बेहद अहम है। भारत ने वन बेल्ट वन रोड समिट का बहिष्कार किया था। हालांकि इसमें दुनिया के 29 देशों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया था। वन बेल्ट वन रोड समिट के बहिष्कार के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली मुलाकात है। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की। वहीं, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि SCO में भारत और पाकिस्तान के एक साथ शामिल होना बेहद अहम है।

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SCO जरिए भारत और पाकिस्तान एक मंच पर आएंगे। इससे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद और मतभेद सुलझाने में मदद मिलेगी। अस्ताना में पीएम मोदी के अलावा पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ भी पहुंचे हुए हैं। बृहस्पतिवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात भी हुई। अब पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। अस्ताना में आयोजित यह समिट भारत समेत दूसरे देशों के लिए बेहद अहम है। विशेषज्ञों का मानना है कि SCO में भारत के शामिल होने से चीन का प्रभुत्व कम होगा।

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