जीएसटी पर पाकिस्तान का रिएक्शन जानकर चौंक जाएंगे आप, देखें वीडियो

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जीएसटी लांच

भारत में 30 जून यानि कि शुक्रवार को जीएसटी लांच होने के बाद दुनिया भर के मीडिया में भारत सुर्खियों में रहा। वहीं जीएसटी के लांच होने के बाद पाकिस्तानी मीडिया भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं रहा। पाक मीडिया द्वारा इसे दूसरा नोटबंदी करार दिया गया। इसके साथ ही नोटबंदी के कारण भारतीय बाजारों मची उथल-पुथल को याद किया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून और डॉन में जीएसटी के ऊपर काफी लंबी चौड़ी रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इस बारे में बात करते हैं कि जीएसटी रोलआउट के बाद इंडियन इंजस्ट्रीज एसोसिएशन जो कि देशभर में 6,500 छोटे उद्यमों का समूह बनाता है वह इससे कैसे निपटता है।

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इससे पहले जब लोकसभा में जीएसटी बिल पेश किया गया था तो पाकिस्तानी मीडिया ने इसकी काफी तारीफ की थी। एक न्यूज चैनल में बुलाए गए विशेषज्ञों और मीडिया कर्मियों ने जीएसटी की तारीफ करते हुए कहा था कि ऐसा पाकिस्तान में भी होना चाहिए। एक पैनलिस्ट ने कहा था कि देश में भले ही किसी वस्तु पर पैसे बढ़ा दें लेकिन टैक्स कर दें जैसा कि भारत करने जा रहा है। हमने तो फिलहाल केवल 48 टैक्स गिने हैं जो कि सब खत्म होने के बाद केवल जीएसटी बना दिया जाएगा। वैसे तो हमें भारत की कई बात बुरी लगती हैं लेकिन ये बात उनकी अच्छी लगी है कि उन्होंने सभी टैक्स खत्म करके एक फार्म जीएसटी लागू किया जा रहा है।

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जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) मध्यरात्रि से देश भर (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) में लागू हो चुका है। इसके तहत 20 लाख तक का व्यापार करने वालों को जीएसटी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही 75 लाख तक के व्यापारी को जीएसटी में राहत मिलेगी। जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एकल बाजार में 2,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोगों को जोड़ेगी। जीएसटी काउंसिल ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) में बांटा गया है। काउंसिल ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे।

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