बिल्डरों के पास बड़ी इनवेंटरी है, जो होम बायर्स के लिए अच्छी खबर है। देश के बड़े शहरों में रेजिडेंशल डिमांड सप्लाई के मुकाबले कम है। इससे इनवेंटरी में बढ़ोतरी हुई है। प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म नाइट फ्रैंक के मुताबिक, 2015 में देश के 8 बड़े शहरों में न्यू प्रॉजेक्ट लॉन्च और सेल्स वॉल्यूम की संख्या 2010 के बाद सबसे कम रही। पिछले साल जहां सेल्स वॉल्यूम 2014 की तरह रही, वहीं नए लॉन्च में 21 पर्सेंट की गिरावट आई। इसके उलट रेजिडेंशल मार्केट में अफोर्डेबिलिटी पांच साल में सबसे बेहतर हो गई। पिछले पांच साल में जहां प्रॉपर्टी के दाम में 10 पर्सेंट की गिरावट से लेकर 10 पर्सेंट की तेजी आई है, वहीं इस दौरान लोगों की इनकम ग्रोथ 10 से 12 पर्सेंट सालाना रही है।
रियल एस्टेट सेक्टर में शुरुआती रिकवरी के संकेत भी दिख रहे हैं। सितंबर क्वॉर्टर में देश के 8 बड़े शहरों में सेल्स में सालाना 15 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। यह पिछले पांच साल में होम सेल्स के लिहाज से सबसे अच्छी तिमाही रही है। लियासेज ऐंड फोरास के डेटा के मुताबिक, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में सितंबर क्वॉर्टर में होम सेल्स 39 पर्सेंट बढ़ी, जबकि एनसीआर में ग्रोथ 11 पर्सेंट की रही। यह हाउसिंग सेक्टर में हेल्दी रिवाइवल की शुरुआत का संकेत हो सकता है।