पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को लेकर भले ही विपक्ष और आर्थिक विश्लेषक हमला बोल रहे हैं, लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रही वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम में प्रकाशित स्टडीज और सर्वे में कहा गया है कि भारत की इकॉनमी के प्रति दुनिया का दृष्टिकोण बदल रहा है और चीन के मुकाबले अंतर कम हुआ है। ऐसे समय में ये रिपोर्ट मोदी को राहत देने वाली है जब विपक्षी पार्टियां नोटबंदी के चलते उन पर इकॉनमी बिगाड़ने करने के आरोप लगा रही है।
एक्स्पर्ट्स भी कह रहे हैं कि 2 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 137 लाख करोड़ रुपये की इकॉनमी वाले भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी से प्रभावित हो सकती है। अगले महीने से पीएम मोदी की पार्टी बीजेपी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में उतरने वाली है। इसके अलावा उनकी सरकार 1 फरवरी को बजट भी पेश करने वाली है। केंद्र सरकार ने इस साल बजट को करीब एक महीने पहले ही पेश करने का फैसला लिया है।
IMF(अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के अनुसार नोटबंदी के चलते निकट भविष्य में इकॉनमी पर असर पड़ेगा, लेकिन लॉन्गटर्म में सुधार देखने को मिलेगा। आईएमएफ ने भारत के जीडीपी अनुमान को 7.6 से घटाकर 6.6 पर्सेंट कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था के रिसर्च डायरेक्टर मॉरी ऑब्स्टफेल्ड ने कहा, ‘जीडीपी अनुमान घटाने के बाद भी भारत की इकॉनमी मजबूत बनी रहेगी।’ उन्होंने कहा, “हम इस बात से सहमत हैं कि नोटबंदी के चलते इकॉनमी से अवैध ट्रांजैक्शंस पर लगाम कसने में मदद मिलेगी।”