देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, एचडीएफसी बैंक ने नकदी से जुड़ी कुछ गतिविधियों के लिए सेविंग खाताधारकों के लिए शुल्क में वृद्धि का फैसला किया है। यह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। नोटबंदी के बाद सरकार लोगों को लगातार नकद रहित और डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे में बैंक का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
पीटीआई की खबर के अनुसार, बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि एचडीएफसी बैंक ने 1 मार्च से कुछ ट्रांजैक्शन पर फी बढ़ाने का फैसला किया है। साथ अन्य मामलों में नकदी की सीमा तय करने और कुछ ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाने का निर्णय किया है। बैंक की वेबसाइट के अनुसार थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन प्रति दिन 25,000 रुपये की सीमा तय की है। साथ ही शाखाओं में फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या पांच से कम कर चार कर दी और नॉन-फ्री ट्रांजैक्शन के लिए फी भी 50 प्रतिशत बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया है।
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले प्रतिदिन निकासी और जमा दोनों में 50,000 रु. के कैश ट्रांजैक्शन की अनुमति थी। उन्होंने बताया कि नयी फी पॉलिसी सिर्फ सैलरी और सेविंग्स अकाउंट्स के लिए लागू होगी। साथ ही बैंक ने होम ब्रांचेज में भी फ्री कैश ट्रांजैक्शन दो लाख रुपये पर सीमित कर दिया है। इसमें जमा और निकासी शामिल हैं। इसके ऊपर ग्राहकों को न्यूनतम 150 रुपये या पांच रुपये प्रति हजार का भुगतान करना होगा। वहीं, दूसरी शाखाओं में मुफ्त लेन-देन 25,000 रुपये है। उसके बाद शुल्क उसी स्तर पर लागू होगा।
अधिकारी का कहना है कि फी में वृद्धि इंडस्ट्री के चलन के मुताबिक है। आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर भी होम ब्रांचेज में चार से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शंज (जमा और निकासियों) पर कम-से-कम 150 रुपये चार्ज किया जाएगा। ऐक्सिस बैंक भी एक लाख रुपये प्रति महीने से ऊपर के जमा पर या पांचवीं निकासी से 150 रुपये या प्रति हजार रुपये पर 5 रुपये चार्ज करने लगता है।