हम पहले भी दिसंबर में ब्याज दरों में 0.25 पर्सेंट कटौती की उम्मीद कर रहे थे। हमारा मानना है कि इस फाइनैंशल इयर के बचे हुए महीनों यानी अगले साल मार्च तक एक बार और 0.25 पर्सेंट की कटौती होगी।’ वहीं, देश के बड़े बॉन्ड हाउसों में से एक एसटीसीआई प्राइमरी डीलर के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप माधव ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक रेट में आधा पर्सेंट की भी कटौती करता है तो उन्हें हैरानी नहीं होगी।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने फाइनैंशल इयर 2017 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को आधा पर्सेंट घटाकर 6.9 पर्सेंट कर दिया है। वह सितंबर 2017 तक इंटरेस्ट रेट में 0.75 पर्सेंट कटौती की उम्मीद कर रहा है। अधिकतर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगले हफ्ते मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में 0.25 पर्सेंट रेट कट तय है। उनका कहना है कि नोटबंदी से स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) को काफी नुकसान हो रहा है। इसलिए अभी सेंट्रल बैंक को उन्हें सपोर्ट देना चाहिए।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट अनुभूति सहाय ने बताया, ‘हम दिसंबर में पहले से 0.25 पर्सेंट रेट कट की उम्मीद कर रहे थे। अब हम फरवरी तक ब्याज दरों में और 0.25 पर्सेंट कमी की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि इकनॉमिक ग्रोथ कम हो रही है। कुछ दिनों पहले सीआरआर बढ़ाने का जो ऐलान हुआ था, वह बैंकों से सरप्लस कैश वापस लेने के लिए था। इसका रिजर्व बैंक के इंटरेस्ट रेट पर स्टैंड से कोई लेना-देना नहीं है।