भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने पांच सहयोगियों और भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद पहली बार जारी वित्तीय नतीजे से यह स्पष्ट नजर आ रहा हैं कि एसबीआइ के लिए यह सौदा सिर्फ मुनाफा नहीं दे रहा है, बल्कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में देश के इस दिग्गज बैंक का शुद्ध लाभ पांच गुना बढ़ा है, मगर कमाई पर भारी दबाव बन गया है। सबसे बड़ी बात हैं कि बैंक की ब्याज व गैर ब्याज आय में कमी आई हैं, फंसे कर्जे (एनपीए) की समस्या काफी बढ़ गई है। आने वाले दिनों में हालात सुधरने के आसार कम नज़र आ रहे हैं।