आरबीआई गवर्नर पर आदर्श आचार संहिता लागू करना अनुचित: सुब्बाराव

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दिल्ली

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आज आरबीआई गवर्नर के लिए ‘आदर्श आचार संहिता’ के विचार को खारिज करते हुए अपने उत्तराधिकारी रघुराम राजन जैसे सार्वजनिक बुद्धिजीवियों के जनता के भले के लिए अपने पद का गंभीरता से इस्तेमाल करने के अधिकार की वकालत की।

उन्होंने आज यहां रिजर्व बैंक मुख्यालय पर अपनी पुस्तक ‘हू मूव्ड माई इंट्रेस्ट रेट’ के विमोचन के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस बात के लिए कोई आचार संहिता होनी चाहिए कि गवर्नर को किस विषय पर बोलना है? उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह सलाह दी जानी चाहिए कि गवर्नर सिर्फ केंद्रीय बैंक से संबंधित मुद्दों पर बोलेगा। यह कहना कि गवर्नर कद्रीय बैंकिंग से आगे नहीं जाएगा, उचित नहीं होगा। यदि गवर्नर वास्तव में सार्वजनिक बुद्धिजीवी है, जैसे कि राजन हैं, तो मुझे लगता है कि यह अच्छा, उचित और वांछित है कि वह उन मुद्दों पर बोलें।’’ सुब्बाराव ने कहा कि गवर्नर की जनता में पहचान होती है और यदि वह अपने कार्यालय या पद का इस्तेमाल करते हुए इन बड़े मुद्दों पर विचार व्यक्त करते हैं तो जनता में उनका योगदान काफी बड़ा होगा।

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यहां उल्लेखनीय है कि राजन कई बार ऐसे मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं जिनके बारे में उनके आलोचकों का कहना है कि यह उनके दायरे से बाहर के हैं।

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