क्या आपका अकाउंट एफएटीसीए (फॉरन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस ऐक्ट) के अनुकूल है? अगर आपने इसके लिए जरूरी दस्तावेज अब तक मुहैया नहीं कराए हैं तो सोमवार से आपको कठिन समस्या का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, एफएटीसीए के नियमों के तहत जरूरी जानकारी नहीं दिए जाने पर म्युचुअल फंड के निवेशकों, बैंक के खाताधारकों और बीमा योजनाओं में निवेश करनेवालों को उनके खातों का संचालन करने से रोक दिया जाएगा। हालांकि, ऐसी सभी खाताधारकों के साथ नहीं होगा, बल्कि जिनके खाते 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं, उन्हें ही एफएटीसीए नियमों का पालन करना है।
क्या है FATCA और इतना हंगामा क्यों?
एफएटीसीए के तहत भारत और अमेरिका के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वतः आदान-प्रदान सुनिश्चित होता है। देश के वित्तीय संस्थानों को यहां की टैक्स अथॉरिटीज को सूचनाएं मुहैया करानी पड़ती हैं जिन्हें अमेरिका से साझा किया जाता है। एफएटीसीए को लागू करने के लिए दोनों सरकारों के स्तर पर हुआ यह समझौता (इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट या आईजीए) 31 अगस्त 2015 से लागू हुआ है। वित्तीय संस्थानों को कहा गया है कि वो निश्चित अवधि (जुलाई 2014 से अगस्त 2015) में खुले खातों के लिए स्व-अभिप्रमाणित (सेल्फ सर्टिफाइड) दस्तावेज जमा करवाएं।
इसे ऐसे समझें। जुलाई 2015 में भारत और अमेरिका ने एफएटीसीए पर दस्तखत किए। यह अमेरिका का नया कानून है जिसके लक्ष्य दोनों देशों के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वतः आदान-प्रदान की व्यवस्था की गई है ताकि टैक्स चोरों के बारे में जानकारी साझा की जा सके। इसी आलोक में बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से खाताधारकों से स्व-अभिप्रमाणन प्राप्त करने को कहा गया है ताकि 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले खातों को नियमों के दायरे में लाया जा सके।
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