मैं जानता हूं हमारा सर घूमेगा। मैं जानता हूं हमारे युवा दिमाग इस पर बहुत सोचते हैं कि हम महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। हमने कोशिश की है, जैसे माता-पिता करते हैं, तुम्हे समानता के बारे में सिखाने की, कि कभी भी लड़का और लड़की के बीच फर्क नहीं किया जाना चाहिए, कि तुम्हें चुनाव का अधिकार होना चाहिए; यहां तक कि अच्छे और बुरे तरीके से छुए जाने के बारे में भी। हमने विवाद खड़े किए हैं। माता-पिता के तौर पर, हमने तुम्हे बताया है, यदि तुम किसी के द्वारा खुद को छुए जाने को लेकर सहज नहीं हो तो वह बुरी तरीके से छुआ जाना है, और तुम्हें किसी को भी इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए। तुम्हें उस शख्स से कहना चाहिए कि मुझे यह पसंद नहीं है। ऐसा मत सोचो कि क्योंकि तुम छोटी हो तो किसी को तुम्हारे साथ कुछ करने की अनुमति मिल गई है। मैंने तुमसे कहा है कि यदि तुम्हें यहां तक कि मुझसे भी हग करने का मन नहीं है तो मुझे भी तुम्हें छूना नहीं चाहिए। तुम्हारे शरीर पर सिर्फ तुम्हारा और तुम्हारा अधिकार है।
मुझे तुम्हारी फेसबुक पोस्ट से यह पता चलता है कि तुम इस दुनिया में उड़ने के लिए अपने पंख फैलाती हो, तुम परेशान होती हो और खींजती हो। मैं जो पहनना चाहती हूं, मैं वह क्यों नहीं पहन सकती? मैं अपनी पहचान का चुनाव क्यों नहीं कर सकती? मैं आजाद दुनिया में रहने के सही मायने में आजाद क्यों नहीं रह सकती? हां, बॉलीवुड में भी एक पिता होने के नाते मैं अपने सर को रेत में नहीं धंसा सकता क्योंकि चारों और कुछ सच्चाईयां हैं। हम एक असुरक्षित, व्यापक तौर पर असमान दुनिया में रहते हैं। हमने तुमसे कभी नहीं कहा कि क्या मत पहनो या बाहर मत जाओ। अगर तुम नीले रंग के बाल रखना चाहो तो वह भी रख सकती हो। तुम एक आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और होशपूर्ण महिला बनने जा रही हो। तुमने मुझे हमारी इंडस्ट्री द्वारा बनाई जा रही फिल्मों के बारे में ताया है, कि किस तरह कभी-कभी स्त्रियों को किसी चीज की तरह दिखाया जाता है और मैं हमेशा जवाब तलाशता रहता हूं। मुझे तुमसे महिलाओं और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर बात करके अच्छा लगता है।
अगले पेज पर पढ़िये पूरा पत्र