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अंतिम कानून इंडियन कॉन्सीट्यूशन हैं
समाज, राजनीति और भाषा पर आप क्या कहते हैं देखिए, नेता भी तो हमारी समाज की पैदाइश हैं। हम लेखक भी तो इसी समाज को देखते-परखते हुए ही लिखते हैं। नेता भी यहीं से चीजें देखते हुए बातें उठाते हैं। जब जावेद जी से पूछा गया तो समाज के भीतर व्याप्त बुराईयों पर आप क्या कहते हैं तो बताया गया कि मेरा मानना है कि ट्रिपल तलाक को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए, लेकिन इस बात पर बिना वजह भिड़ंत की स्थिति पैदा करने के बजाय सरकार पहले ड्राफ्ट लाए और उस पर व्यापकता में बहस हो। आनुवंशिक संपत्ति में अधिकार दिए जाएं। मेरा यह हमेशा से ही मानना रहा है कि अंतिम कानून इंडियन कॉन्सीट्यूशन है।
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