संगमनगरी इलाहाबाद में महिलाओं की संस्था संचारी की ओर से आयोजित सांस्कृतिक पर्व के उद्घाटन समारोह में निर्देशक महेश भट्ट शिरकत पहुंचे। भट्ट ने केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी पर कटाक्ष करते हुए इसे फेयरी टेल करार दिया। उनका कहना है कि यह महज एक कल्पना है नोटबंदी से काला धन आयेगा कि नहीं यह तो नहीं पता लेकिन आम लोग इससे काफी परेशान हुये हैं।
नोटबंदी से फिल्म इंडस्ट्री भी अछूती नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जनता को अपनी नाराज़गी जताने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से मांगी गई 50 दिनों की मोहलत पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। लोगों को निराश होने के बजाय उम्मीद रखनी चाहिए, क्योंकि पचास दिन में दिक्कत दूर नहीं होने पर ज़िम्मेदार लोगों को खुद शर्मिंदगी होगी और वे मुंह छिपाकर भागेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी को लेकर इंडस्ट्री में जल्द ही कोई फिल्म शुरू हो सकती है, जो लोगों का दर्द बयां कर सकती है। हालांकि भट्ट के मुताबिक़ उनके पास अगले दो सालों का प्रोजेक्ट पहले से ही है, इसलिए फिलहाल वह इस पर फिल्म नहीं बनाने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि कोई दूसरा फिल्मकार जल्द ही इस पर फिल्म शुरू कर सकता है।
महेश भट्ट इलाहाबाद में पत्रकारों से बात कर रहे थे। महेश भट्ट ने कहा है कि नोटबंदी के ज़रिए पीएम मोदी के अच्छे दिनों के वायदे परियों की उस कहानी की तरह है, जहां हसीन सपने तो होते हैं, लेकिन इन सपनों का हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता।
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