अब बात करते हैं फिल्म की कहानी की, फिल्म की कहानी शुरू होती है अर्जुन से। अर्जुन अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ घर पर आता है, जहां वो अपनी माँ कुंती, जिसका किरदार नीना गुप्ता ने निभाया है से मिलवाता है। लेकिन काम में व्यस्त कुंती अर्जुन की तरफ पीठ होने की वजह से उसे देख नहीं पाती। वे अपने बेटे से कह देती हैं कि “जो भी लेकर आए हो, सभी भाई आपस में बांट लो।” अर्जुन पत्नी को भाइयों से साझा करना नहीं चाहता और मां के आदेश पर खुश नहीं है।
लेकिन अक्षत वर्मा की इस फ़िल्म के युधिष्ठर मूल महाभारत के बड़े भाई से अलग हैं। यह जुआरी बड़ा भाई नहा कर निकली द्रौपदी की खुली पीठ देख उसे हासिल करना चाहता है। जिम में व्यायाम कर रहे मझले भाई भीम भी उस औरत को किसी तरह पाना चाहते हैं। नकुल और सहदेव समलैंगिक हैं, पर उन्हें लगता है कि द्रौपदी पत्नी बनी तो वे अपने इस राज़ को बरक़रार रखने में कामयाब रहेंगे।