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राजमौली ने कहा, “जब हम बड़े आइडिया जैसे मूवी बनाते हैै तो बड़ा बजट भी होता है। बचपन से मेरा सपना था कि में बड़े बजट वाली कहानी या मूवी बनाऊं। जब मेैं बड़ा हो रहा था तो मैंने मनोरंजक कहानियां और चंदा मामा की चंचल कहानियां भी पढ़ी थी।”
राजमौली बोले कि हमने कभी बचपन से ही शिवाजी महाराज को केवली मराठी नहीं माना था। हमारे लिए पुरे भारत के हीरो थे। और उनके फैंस कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक थे। जैैसा की आपको पता ही है में उन्हेंं दिल से सम्मान करता हुं। और मेरा सपना है, कि में उनके जीवन के आधार पर एक कहानी लिख सकू।
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