महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले एक और समूह की थीडा कुस ने मंत्रालय के फैसले को ‘भयावह’ बताया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा केवल महिलाओं के साथ होता है और यह लिंग के आधार पर भेदभाव करना है।’

महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले एक और समूह की थीडा कुस ने मंत्रालय के फैसले को ‘भयावह’ बताया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा केवल महिलाओं के साथ होता है और यह लिंग के आधार पर भेदभाव करना है।’