पाकिस्तान नें बलूच नेता ब्रहम्दाग बुगती, हरबियार मार्री और बनुक करिमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
याचिकाकर्ता मुनीर अहमद, मौलाना मुहम्मद असलम, मुहम्मद हुसैन, गुलाम यासीन जातक और मुहम्मद रहीम की याचिका के बाद इन नेताओं पर केस दर्ज किया गया है। बलूचिस्तान के खुजदार इलाके के पांच पुलिस स्टेशनों पर इन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी।
इन बलूच नेताओं पर पाकिस्तानी पीनल कोड सेक्शन 120, 121, 123 और 353 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें स्टेट के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला चलता है। दोष साबित होने पर जेल की सजा होती है। ऐक्टिंग डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिसर खुज्दार मुहम्मद अशरफ जातक ने बताया कि शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि बुगती, मार्री और बलूच ने मोदी के 15 अगस्त की स्पीच का समर्थन किया था।
भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात उठाई थी। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत बलूचिस्तान का मुद्दा उठाकर कश्मीर से ध्यान हटाना चाहता है। मोदी ने बलूचिस्तान, गिलगित बल्टिस्तान के लोगों को समर्थन करने के लिए शुक्रिया कहा था।
याचिकाकर्ता मुनीर अहमद ने यह भी दावा किया है कि बलूच नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का भी आग्रह किया था। मोदी के बयान के बाद पाकिस्तानी नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। पाकिस्तान ने कहा था कि मोदी ने बलूचिस्तान की जिक्र करके अपनी सीमा रेखा लांघी है। बलूचिस्तान के सीएम सनाउल्लाह जेहरी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था की भारत बलूचिस्तान में विद्रोह को भड़का रहा है।