किसान यात्रा के चौथे दिन राहुल गांधी आज शुक्रवार को अयोध्या के दौरे पर हैं। 1992 में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद राहुल नेहरू-गांधी परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं, जो अयोध्या में आएंगे। राजीव गांधी 26 साल पहले अयोध्या के दौरे पर आए थे। अयोध्या में राहुल गांधी ने हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान राहुल गांधी ने वहां के महंत ज्ञान दास से भी मुलाकात की।
महंत ज्ञान दास ने कहा, ‘हम मंदिर में सभी का स्वागत करते हैं। राहुल गांधी का भी स्वागत है। हम संत हैं और हम उन सभी को आशीर्वाद देते हैं, जो हमारा आशीर्वाद लेते हैं।’
राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि मंदिर के दौरे का राजनीति से कोई मतलब नहीं है। इसके अलावा उनका और कोई प्रोग्राम या किसी के साथ मीटिंग नहीं
अयोध्या और कांग्रेस के बीच 26 साल का अंतर क्यों ?
बीबीसी हिंदी से मिली कुछ जानकारियों के मुताबिक साल 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और राहुल के पिता राजीव गांधी ने कांग्रेस के लोक सभा चुनाव प्रचार की शुरुआत अयोध्या से की थी, हालांकि वे हनुमान गढ़ी नहीं जा पाए थे, हालांकि यह उनके कार्यक्रम में था।
1990 में सद्भावना यात्रा के दौरान राजीव गांधी का गुज़र अयोध्या से हुआ था। लेकिन तबसे हनुमान गढ़ी तो दूर, अयोध्या भी उनके परिवार का कोई कांग्रेसी नहीं गया। सोनिया ने फैज़ाबाद में तो सभाएं कीं लेकिन अयोध्या से वे दूर ही रहती आई हैं। साल 1991 में उनकी हत्या हो गई हालांकि 1992 में सोनिया गांधी ने हनुमानगढ़ी जाकर पूजा अर्चना की थी।
वैसे, राजीव अयोध्या में हनुमान गढ़ी दर्शन से कहीं ‘बड़ा’ काम कर चुके थे जिसके बल पर उन्होंने 1989 के उस चुनावी सभा में ‘राम-राज्य’ लाने का वादा किया था।
वैसे अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना कर राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी की 26 साल पुरानी अधूरी इच्छा को भी पूरा किया।
राहुल गांधी की अयोध्या यात्रा किस तरह बीजेपी के लिए मुश्किल साबित हो सकती है। जानने के लिए अगले स्लाइड में जाएं और NEXT बटन पर क्लिक करें।