अयोध्या में राहुल, तनाव में बीजेपी !
आपको बता दें अयोध्या ही वो जगह है जहां से राम मंदिर को मुद्दा बनाकर बीजेपी ने सफलता की कई सीढ़ियां चढ़ीं। बीते कुछ सालों से कांग्रेस की छवि धर्मनिरपेक्ष पार्टी के बजाय हिंदू विरोधी पार्टी के तौर पर बनने लगी थी। यूपी की सत्ता से 27 साल से दूर कांग्रेस अब अपनी इस छवि को तोड़ना चाहती है क्योंकि उसे पता है कि यूपी की गद्दी हिंदू वोटों को दरकिनार करके नहीं मिल सकती है।
कांग्रेस के रुख में आए इस बदलाव के पीछे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर की सलाह पर ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण केंद्रित चुनाव अभियान चला रही है और इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने शीला दीक्षित को यूपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी बनाया है। साथ ही कांग्रेस की कोशिश ये भी है कि वो किसी तरह बीजेपी के मजबूत होते वोटबैंक को कमजोर करें।
बहरहाल, देखना होगा कि 27 साल बाद अयोध्या आ रहे पहले कांग्रेसी युवराज हनुमान गढ़ी दर्शन-पूजन के बाद किस तेवर में दिखाई देते हैं ।