महंगी होती ट्रेन, बढ़ते रेल हादसे… कैसे पूरा होगा बुलेट ट्रेन का सपना? आखिरी सफर का जिम्मेदार कौन?

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भारत में वर्ष 1988 से लेकर 2016 तक हुई बड़ी ट्रेन दुर्घटनाओं का घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है…

20 नवंबर, 2016 : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरे, 100 से ज्यादा यात्रियों की मौत जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल।

28 मई, 2010 : पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी, कम से कम 148 लोगों की मौत।

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09 सिंतबर, 2002 : बिहार के औरंगाबाद जिले में हावड़ा-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के 14 डिब्बे धावी नदी में गिरे, 100 से ज्यादा यात्रियों की मौत। 150 से ज्यादा घायल हुए।

02 अगस्त, 1999 : असम के गायसल में करीब 2,500 यात्रियों को लेकर जा रही दो ट्रेनें आपस में टकरायीं, कम से कम 250 लोगों की मौत।

26 नवंबर, 1998 : पंजाब के खन्ना में जम्मू-तवी-सियालदह एक्सप्रेस फ्रंटियर मेल के पटरी से उतरे डिब्बों से टकराने पर कम से कम 212 लोगों की मौत।

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14 सितंबर, 1997 : मध्यप्रदेश के बिलासपुर में अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस के पांच डिब्बे नदी में गिरे, 81 लोगों की मौत।

20 अगस्त, 1995 : उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को टक्कर मारी, 400 लोगों की मौत।

18 अप्रैल, 1988 : उत्तर प्रदेश में ललितपुर के पास कर्नाटक एक्सप्रेस पटरी से उतरी, कम से कम 75 लोगों की मौत।

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08 जुलाई, 1988 : केरल में आईलैंड एक्सप्रेस अशतामुदी झील में गिरी, 107 लोगों की मौत।

(एनडीटीवी से लिए गए आंकड़े)

प्रधानमंत्री ने सुरेश प्रभु को रेल मंत्री बनाया था कि वो रेल को कमाई और सुरक्षा की पटरी पर ले आएंगे लेकिन प्रभु के राज में रेलवे पर कई सवाल उठा रहा है। 

 

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