तुर्की में नकाम तख्तापलट में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाएगा अमेरिका: बराक ओबामा

0
ओबामा जी 20

 

दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि अमेरिका तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने वाले दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि अंकारा ने आरोप लगाया था कि जुलाई में हुए तख्तापलट के प्रयास के पीछे अमेरिका में रहने वाले धर्मगुरू फतहउल्लाह गुलेन की साजिश है।

जी20 सम्मेलन से इतर एर्दोगन से बातचीत के दौरान ओबामा ने कहा, ‘‘हम वादा करते हैं कि इन गतिविधियों के लिए जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’’ एर्दोगन के खिलाफ 15 जुलाई की तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद से इन दोनों नाटो सहयोगियों के बीच तनाव तेजी से बढ़ा था। अंकारा ने साजिशकर्ताओं की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी और अमेरिका से मांग की थी कि वह गुलेन को उसे सौंप दे।

इसे भी पढ़िए :  नवाज शरीफ़ का सपना कयामत तक पूरा नहीं होगा: सुषमा स्वराज

अमेरिका के पूर्वी राज्य पेन्सिल्वेनिया में रह रहे निर्वासित पूर्व इमाम गुलेन ने तख्तापलट की साजिश में हाथ होने से साफ इनकार किया था।

इस विवाद के चलते दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों पर खतरा मंडराता दिख रहा था।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि अगर तुर्की इस साजिश में गुलेन के शामिल होने से संबंधित सबूत पेश कर देता है तो अमेरिका उसे तुर्की के हाथों में सौंप देगा। तख्तापलट की साजिश के बाद हांगझोउ में हुई बैठक में दोनों नेताओं का पहली बार आमना-सामना हुआ है।

इसे भी पढ़िए :  पाक आर्मी चीफ की नजरों में 'बेगुनाह' था बुरहान, आतंक के आका ने भी उगले आग

ओबामा ने कहा कि अमेरिका ‘‘इन गैरकानूनी गतिविधियों की जांच करने और इसके दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने एर्दोगन को भरोसा दिलाया कि अमेरिका तुर्की के अधिकारियों को पूरा सहयोग करेगा।

जुलाई के बाद से अंकारा ने न्यायपालिका, सेना, शिक्षा प्रणाली और पुलिस बल में कार्यरत हजारों लोगों को हिरासत में लिया है, पद से हटाया है या गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर गुलेन के अभियान के साथ कथित संबंध होने या तख्तापलट में शामिल होने का आरोप है।

इसे भी पढ़िए :  मोदी को कालेधन पर लोगों को मूर्ख बनाने के लिए आठ बार माफी मांगनी चाहिए: कांग्रेस

तुर्की ने उत्तर सीरिया में कुर्द समूहों पर बमबारी की थी जिसके बाद अमेरिका और तुर्की के संबंध और भी तल्ख हो गए थे।

इसका निशाना वे कुर्द समूह थे जिन्हें अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। अमेरिका इन समूहों को इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ाई में बेहद महत्वपूर्ण मानता था।

तुर्की ने आरोप लगाया था कि ये लड़ाकू कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी में शामिल थे। यही वह समूह है जिसने तुर्की में जानलेवा हमले करने की जिम्मेदारी ली थी।