दिल्ली
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की विधानसभा ने बलुचिस्तान और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव को आज स्वीकार किया और संघीय सरकार से इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने को कहा।
पंजाब के विधि मंत्री राणा सनाउल्ला द्वारा सदन में रखे गए प्रस्ताव को आम सहमति से स्वीकार किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन बलुचिस्तान और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर मोदी के बयान की कड़ी आलोचना करता है और इसे पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप बताया।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘संघ सरकार को यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना चाहिए। दुनिया को पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में मोदी सरकार के हस्तक्षेप के बारे में बताना चाहिए।’’ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के विधायक खुर्रम वाट्टू ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वह संघ सरकार को भारत से सभी संबंध तोड़ने को कहें।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता महमूदुर राशीद ने आरोप लगाया कि मोदी का बयान दूसरे राष्ट्रों के मामलों में असहिष्णुता और हस्तक्षेप की उनकी नीति को दिखाता है।
स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बलुचिस्तान और गिलगिट-बाल्टिस्तान सहित पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के लोगों ने उनकी समस्याएं उठाने के लिए उनको धन्यवाद दिया है।