बुलंदशहर गैंगरेप मामले को विरोधियों की राजनीतिक साजिश बताने के बयान पर यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान बुरी तरह घिर गए हैं। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनसे खफा बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पीड़ित के परिजनों ने उन्हें पागलपन का शिकार करार दिया है।
बयान पर बवाल मचने के बाद सपा नेता आजम खान ने फौरन सफाई देते हुए अपने कहे से पलट गए। उन्होंने कहा कि इस घटना को विरोधियों की राजनीतिक साजिश नहीं कहा था। वह तो इस मामले की गहन छानबीन होने की बात कह रहे थे। उनके पहले के बयान पर सपा नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है। बयान को लेकर उन्हें तलब भी किया जा सकता है।
आजम बोले- मैंने नहीं कहा था राजनीतिक साजिश
जानकारी के मुताबिक, आजम खान ने मंगलवार को कहा कि मैंने बुलंदशहर गैंगरेप की घटना को विरोधियों की राजनीतिक साजिश नहीं कहा था। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं और इस तरह की बहुत सी घटनाएं हो रही हैं, इसलिए इनकी जांच की जरूरत है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सख्ती से इस घटना से निपटें।
आजम ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की
उन्होंने कहा कि अगर हम इस घटना की तहराई तक नहीं पहुंच सकें तो यह हमारी गलती होगी। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जरूरत है। आजम खान ने कहा कि पीड़ित परिवार के दर्द को लेकर हम काफी संवेदनशील हैं और राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। सब कोई मिलकर भी पीड़ित परिवार के जितना साथ नहीं है, मैं निजी रूप से उससे ज्यादा उनके साथ हूं।
आजम ने गैंगरेप को विरोधियों की साजिश कहा था
गौरतलब है कि आजम खान ने सोमवार को बुलंदशहर गैंगरेप के पीछे विरोधियों की राजनीतिक साजिश होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस घटना पर प्रदेश सरकार को इस तरह से भी संज्ञान लेना चाहिए कि कहीं कोई विपक्षी विचारधारा जो सत्ता में आना चाहते हैं, वे सरकार को बदनाम करने के लिए यह कुकर्म तो नहीं कर रहे हैं। राजनीति में अब इतनी गिरावट आ गई है कि कुछ भी हो सकता है।
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
दूसरी ओर यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए खोड़ा पहुंचे। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी पीड़ित परिवार के साथ है, उनका दर्द हमारा दर्द है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की। उन्होंने यूपी सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि हो सकता है कि सीएम अखिलेश एक जिले का प्रबंधन करने के लिए फिट हों, लेकिन पूरे राज्य के लिए वह फिट नहीं हैं।