भारतीय जवान की वापसी के पीछे छिपी थी पाकिस्तान की ये चाल ! जरूर पढ़ें

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गलती से एलओसी पार कर पाकिस्तान की सीमा में घुसे भारतीय सेना के जवान चंदू बाबूलाल च्वहाण को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है। लेकिन पाकिस्तान की इस दरियादिली के पीछे उनकी क्या मंशा थी ये भी सामने आ चुकी है। उरी हमले को अंजाम देने वाले आंतकियों की मदद करने के आरोप में पकड़े गए दो पाकिस्तानी लड़कों के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि वह केस को फिर से देखें और उनके बच्चों को छोड़ दें। यह गुजारिश पाकिस्तान द्वारा भारतीय जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को छोड़े जाने के बाद की गई है।

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दरअसल, उरी हमले के बाद दो पाकिस्तानी लड़कों को पकड़ा गया था। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने उरी हमले करने में भूमिका निभाई। जिन दो लड़कों को पकड़ा गया था उनमें से एक का नाम अहसान खुर्शीद और दूसरे का फैसल अवान है। दोनों ही लड़कों की उम्र 15-16 साल के बीच है।

परिवार का दावा, हमारे बच्चे बेकसूर गलती से चले गए थे सीमा पार 

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परिवार का कहना है कि लड़के उस दिन स्कूल की पिकनिक पर ना जाकर किसी लड़की से मिलने के लिए गए थे। लेकिन उसके परिवार के डर से वे जंगल की तरफ भाग गए थे। वहां से ही वे भारत में दाखिल हो गए। फैसल के भाई का कहना है कि उसकी मां फैसल के पकड़े जाने की बात सुनकर सदमे में है। भाई के मुताबिक, फैसल की मां ने उस दिन से अबतक अपने मुंह से एक शब्द भी नहीं बोला है।

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ऐसे में अब अब फैसल अवान के भाई गुलाम मुस्तफा ने अपने भाई को छोड़ने की गुजारिश करते हुए कहा, ‘फैसल मेरा भाई तो स्कूल जाने वाला छोटा बच्चा है, वह दो देशों की राजनीति के बीच फंस गया है। वह बेकसूर है। लेकिन कोई हमारी मदद नहीं कर रहा। मैं समझता हूं कि पीएम मोदी मेरी पुकार सुनेंगे।’