नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में गंगा की अविरलता से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की स्थिति को देखकर रोना आता है। इस दौरान उन्होंने फरक्का बांध पर भी राय रखी। नीतीश ने कहा कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि फरक्का रहे या टूटे, लेकिन इस पर राष्ट्रव्यापी चर्चा होनी चाहिए और एक्सपर्ट्स की राय मानी जानी चाहिए। हमने पिछली UPA सरकार से पश्चिम बंगाल में फरक्का बांध को बंद करने की मांग की थी। मैंने PM से भी कहा है कि इस बांध के कारण गंगा नदी में काफी गाद जमा हो रही है, जिससे बिहार को हर साल भारी बाढ़ का सामना करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनावों में काशी की जनसभा में कहा था, ‘मैं यहां खुद नहीं आया हूं, मुझे मां गंगा ने बुलाया है।’ उनके इस बयान का विपक्षी नेता लंबे समय से मखौल बनाते रहे हैं। कुछ दिन पहले आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने भी कहा था, मोदी ने कहा कि हमको गंगा मां ने बुलाया था। गंगा मां कब बुलाती हैं?