नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नोटबंदी के मामले में विपक्ष के साथ जाने का ऐलान किया है। शिवसेना के सांसद बुधवार(16 नवंबर) को राष्ट्रपति से मुलाकात कर नोटबंदी के प्रस्ताव का कड़ाई से विरोध करेंगे।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में ये प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने वाला है। इतना ही नहीं शिवसेना ने मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी को लागू किये जाने के खिलाफ संसद में भी ममता का पक्ष लेने का निर्णय किया है।
दक्षिणी मुंबई से शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि ममता ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया और ‘आम लोगों की समस्या उठाने’ के लिए शिवसेना का समर्थन मांगा।
सावंत ने बताया कि नोटबंदी के इस कदम से लोगों की फजीहत हो रही है और गरीबों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शुरू में सरकार ने कहा कि दो-तीन दिन में असुविधा समाप्त हो जाएगी, लेकिन अब प्रधानमंत्री और 50 दिन तक सहयोग की मांग कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर मुद्दे पर पार्टी का रख स्पष्ट करते हुए सावंत ने कहा कि शिवसेना कालाधन को समाप्त करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन ‘‘जिस प्रक्रिया के तहत यह किया जा रहा है, वो ठीक नहीं है। सरकार को इस अव्यवस्था के लिए तैयार रहना चाहिए था।
पार्टी के एक अन्य नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी कहा कि नोटबंदी का फैसला शिवसेना से पूछ कर नहीं लिया गया है, जनता के हित के मुद्दे पर शिवसेना किसी के भी साथ जा सकती है।