बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्रीे अटल बिहारी वाजपेयी की उम्र 92 साल हो गई है और अब वो राजनीति में सक्रिय नहीं है। लेकिन अटल के बेदाग चरित्र, कद्दावर नेता और दमदार व्यक्तिगत होने की वजह से वक्त दर वक्त बीजेपी सरकार उनके नाम को भुनाती रही है। सरकार बनते ही अटल जी को भारत रत्न से नवाजा गया। हाल ही में अटल जी के जन्मदिन के मौके पर सरकार ने ऐलान किया कि वो हर साल अटल जी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रूप में मनाएगी। जाहिर है ऐसा नेता को मान और सम्मान दोनों का हकदार है। लेकिन क्या अटल जी को बीजेपी सिर्फ नाम के लिए इस्तेमाल करती है ? ये एक बड़ा सवाल है। और ये सवाल उस वक्त सबकी जुबां पर आ गया जब आज लखनऊ में हो रही बीजेपी रैली के पोस्टरों से अटल जी के नाम और फोटो को गायब कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी को बेकरार बीजेपी ने आज लखनऊ में महारैली का आयोजन किया है। रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचने वाले हैं इसलिए पार्टी ने इसकी जबरदस्त तैयारी की है। भाजपा का दावा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली होगी। इस रैली में करीब 10 लाख लोगों के जुटने की संभावना है। लेकिन हैरत की बात ये है कि भाजपा ने रैली के लिए लगाए गए पोस्टरों-बैनरों पर पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को जगह नहीं दी है। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से पार्टी के सांसद भी रहे हैं। सोमवार को होने वाली रैली के लिए भव्य चुनावी मंच बनाया गया है लेकिन उस पर भी अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर नहीं लगी है। मंच के दोनों साइड पिलर पर एक तरफ पीएम मोदी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर लगी है।
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