पूर्व विदेश और वित्त मंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कश्मीर के बिगड़ते हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यशंवत सिन्हा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ये चौंकाने वाली बाच कही है। यशवंत सिन्हा कश्मीर घाटी के बिगड़ते हालात से चिंतित होकर पिछले साल दो बार घाटी का दौरा कर चुके हैं। इस दौरे के बाद उन्होंने घाटी में शांति बहाल करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे।
गौरतलब है कि घाटी में पिछले साल जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से हिंसा जारी है। यशवंत सिन्हा ने पिछले साल दिसंबर में ‘कन्सर्ड सिटिजंस ग्रुप’ का नेतृत्व किया था। इस ग्रुप ने कश्मीर में शांति को लेकर सभी पक्षों से बातचीत की थी। इस दौरे का उद्देश्य कश्मीर में शांति बहाली के तरीके ढूंढना था। उन्होंने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें घाटी में शांति बहाल करने को लेकर सुझाव दिए गए थे।
उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर सरकार की प्रतिक्रिया के जवाब में उन्होंने कहा, “सरकार की बात करें तो हम अभी भी उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि उन्हें हमें जवाब देने की जरूरत नहीं है, लेकिन परिस्थिति को देखते हुए कदम उठाना चाहिए।” यशवंत सिन्हा ने बताया कि उन्होंने बातचीत से मुद्दा सुलझाने के सुझाव दिया था। उन्होंने कहा, “जब हम श्रीनगर गए और हुर्रियत नेताओं समेत बड़ी संख्या में लोगों से मुलाकात की। हमने पाया कि अभी भी लोग बातचीत को तैयार हैं लेकिन इसके लिए सरकार को एक वार्ताकार निर्धारित करना होगा, जिसे पूरी आजादी दी जाए।”