मोदी ने कहा कि BRICS शांति, बदलाव और उद्देश्यपूर्ण गतिविधि की दिशा में आवाज है। पीएम के मुताबिक, ब्रिक्स को साझीदार देशों को साझे हितों और उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। बता दें कि चीन आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को सीधे तौर पर कुछ कहने से बचता रहा है। वहीं, रूस ने हाल ही में पाक के साथ मिलिटरी अभ्यास किया, जिसके बाद भारत ने आपत्ति जताई थी। भारत की कोशिश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना है। ऐसे में चीन और रूस का रुख इस दिशा में बड़ी मदद कर सकता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति और भूटान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। पीएम मोदी पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना और उसके बाद भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे से मिले। इन नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बात होने की खबर है।
श्रीलंका और भूटान ब्रिक्स के सदस्य नहीं है। इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष ब्रिक्स-बिमटेक आउटरीच सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गोवा आए हैं। तोबगे और सिरीसेना के अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी गोवा पहुंच चुकी हैं।
ये हैं बिम्सटेक के सदस्य देश
इस वर्ष ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन के मेजबान के रूप में भारत प्रचलन के अनुसार पड़ोसी देशों को आउटरीच सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर सकता है। बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एवं इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) के देश हैं भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड ओर श्रीलंका।