जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की ढाल बने पत्थरबाज, जवाबी फायरिंग में 3 की मौत, 60 पुलिसकर्मी घायल

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कश्मीर

कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों के समर्थन में स्ठानीय लोग उतर आए और नतीजा यह रहा कि इसमें तीन लोगों के मौत के आलावा 63 जवान घायल हो गए हैं। सुरक्षाबल एक तरफ आतंकियों से लड़ रहे थे तो दूसरी तरफ लोगों के पथराव से भी निपट रहे थे। इस दोहरी चुनौती के चलते लंबी खिंची मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर किया गया और 60 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। इनमें CRPF के 43 और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 20 जवान शामिल हैं। इस बीच तीन आम नागरिकों की भी मौत हो गई। बडगाम के चदूरा इलाके में सुबह दो आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद तलाशी अभियान शुरू हुआ, लेकिन दिनभर स्थानीय पत्थरबाज़ जिन पर आतंकियों से सहानुभूति रखने का आरोप है वे रह रहकर सुरक्षाबलों के लिए बाधा बन रहे थे।

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सीआरपीएफ डीआईजी ने बाताया है कि एक तरफ आतंकी थे तो दूसरी तरफ लोग, हमें उन पर मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि मंगलवार को चाडूरा (बड़गाम) में लगभग नौ घंटे चली मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का दुर्दांत आतंकी तौसीफ अहमद मारा गया, जबकि एक सैन्यकर्मी घायल हो गया।

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इस दौरान आतंकियों को बचाने के लिए पथराव कर रही भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिसक झड़पों में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। 63 सुरक्षाकर्मियों समेत 100 लोग घायल हैं। प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चाडूरा व उसके साथ सटे इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए हैं।

यह पहली बार नहीं है जब आतंकी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव हुआ हो। ऐसा पहले कई बार हुआ है जिसकी वजह से आतंकी भाग निकले में भी सफल रहे हैं। मारे गए आतंकी के पास से हथियार भी बरामद हुए हैं। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान ही इलाके में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे गए। तनाव रोकने के लिए पहले पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की लेकिन जब हालात नहीं सुधरे तो पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा चार अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है।

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