संघ नेता यादव को अपमानित और गिरफ्तार करने के विवादास्पद मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है। मामले में एडिशनल एसपी राजेश शर्मा और स्थानीय थाना इंचार्ज जिया उल हक को सस्पेंड किया जा चुका है जबकि बालाघाट के आईजी डी सी सागर और एसपी असीत यादव का ट्रांसफर किया जा चुका है। जे जनार्दन ने 7 अक्टूबर को आईजी का पदभार संभाला है।
पुलिस को सौंपे गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि यादव और उसके समर्थकों ने पुलिवालों को न सिर्फ धमकी दी, अपमानित किया बल्कि उन्हें काम करने से रोका भी। ज्ञापन में कहा गया है कि आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल, गौरक्षा समिति और बाजेपी के करीब 1000 कार्यकर्ताओं ने पुलिस थानों को जलाने, दंगा भड़काने की धमकी दी थी। ऐसे हालात में पुलिसवालों ने थाने को बचाया लेकिन बदले में उन्हें ही फंसा दिया गया। इधर, बालाघाट में सोशल मीडिया पर आरोपी पुलिसवालों के समर्थन में एक मैसेज वायरल हो रहा है कि जब संघ के कार्यकर्ताओं से निपटना हो तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। लोगों के बीच पुलिस का हौसला गिराने से संबंधित एक पर्ची भी बांटा जा रहा है। फिलहाल सभी आरोपी पुलिसकर्मी फरार हैं।