समझौतों पर हस्ताक्षर होने के बाद हसीना ने कहा कि उनके और शी के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर ‘‘काफी सार्थक’’ चर्चा हुई। विदेश सचिव एम शाहीदुल हक ने दोनों नेताओं की बातचीत के बाद मीडिया से कहा, ‘‘बांग्लादेश और चीन के बीच काफी करीबी व्यापक सहयोग है। लेकिन इस सहयोग को बढ़ाकर सामरिक संबंधों के स्तर पर ले जाया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने कहा कि बांग्लादेश-चीन संबंध विश्वास पर आधारित हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, इसलिए इन संबंधों को अब रणनीतिक स्तर पर ले जाया गया है।’’ हक ने कहा कि वे संयुक्त रूप से बीसीआईएम :बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यामार: आर्थिक गलियारे को बढ़ावा देने तथा साझा हित के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर संवाद और समन्वय बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
हसीना ने अपने बयान में दोहराया कि बांग्लादेश ‘‘एक चीन की नीति’’ सहित चीन के सभी प्रमुख मुद्दों पर उसका समर्थन करता है।
इससे पहले शी के दो दिन के दौरे पर यहां पहुंचने के कुछ घंटों के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की। बांग्लादेश ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का भव्य स्वागत किया जो पिछले 30 साल में यहां आने वाले पहले चीनी राष्ट्राध्यक्ष हैं।
एयर चाइना के एक विशेष विमान से शी के यहां उतरने पर उन्हें 21 तोपों से सलामी दी गई। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने उनकी अगवानी की।
हवाईअड्डे पर उनके उतरने पर सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
शी ने हवाईअड्डे पर चीनी मीडिया से कहा, ‘‘हम अपने परस्पर राजनीतिक विश्वास को और गहरा करने तथा अपने संबंधों एवं व्यवहारिक सहयोग को और उंचे स्तर पर ले जाने के लिए बांग्लादेशी पक्ष के साथ काम करने को तैयार हैं।’’