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अखबार ने यह भी लिखा है, ‘चीन के साथ सेंसिटिव प्रॉब्लम्स पर किसी झंझट में पड़ने से पहले अमेरिका 2 बार सोचता है, तो भारत को इतना भरोसा कहां से हासिल होता है।’
‘भारत, मंगोलिया को एक बिलियन डॉलर की मदद दे रहा है, इसके बावजूद बीजिंग ने उलानबतार (मंगोलिया की कैपिटल) पर दबाव डालकर पिछले महीने वहां दलाई लामा की मेजबानी पर रोक दी।’ जबकि भारत में मंगोलिया के एम्बेसडर ने चीन के दबाव को काउंटर करने में मदद मांगी थी, लेकिन फिर भी मंगोलियन सरकार ने दलाई लामा को अपने यहां दोबारा इनवाइट नहीं करने का वादा किया है।’
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