नई दिल्ली। आज (गुरुवार) सीबीआई को एक विशेष अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा। अदालत ने कोयला ब्लॉक घोटाला मामले में सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी (आईओ) की गैरमौजूदगी पर सख्त ऐतराज जताया। अदालत ने जांच एजेंसी से कहा कि भविष्य में जब कभी मामले की सुनवाई हो तब वह अधिकारियों की मौजूदगी सुनिश्चित करे।
अदालत ने कोयला घोटाला मामले में कार्यवाही के दौरान निर्देश जारी किया। इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और पांच अन्य मुकदमें का सामना कर रहे हैं। दरअसल, अदालत को जांच एजेंसी ने बताया कि मामले का आईओ अनुपस्थित है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने कहा, ‘‘आईओ को मामले में लगातार उपस्थित होते रहना होगा, अन्यथा यह अदालत एक खास आदेश देगी..कोई भी छुट्टी पर नहीं जाना चाहिए। उन्हें बगैर समन के उपस्थित होना होगा। ’’ अदालत मध्य प्रदेश में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने एजेंसी से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि मामले में अभियोजन के गवाह को समन समय पर पहुंचे। कार्यवाही के दौरान आरोपी ने अपने बचाव में पेश होने वाले गवाहों की सूची सौंपी।
गुप्ता के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में दो वरिष्ठ नौकरशाह..केएस क्रोफा और केसी समरीया, कमल स्पंज स्टील एंड पावर लिमिटेड (केएसएसपीएल), इसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार आहलूवालिया और चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गोयल शामिल हैं।
केएसएसपीएल को मध्यप्रदेश में थेसगोरा बी रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था। आरोपी ने 15 जुलाई अदालत के समक्ष अपना बयान पूरा कर लिया था। आरोपी के खिलाफ आरोप तय करते समय अदालत ने इससे पहले सीबीआई की इस दलील का जिक्र किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुप्ता ने अंधेरे में रखा था जिन्होंने कोयला ब्लॉक आवंटन में अपने उपर जताए गए भरोसे और कानून का प्रथम दृष्टया उल्लंघन किया।