आज दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल, 40 हजार डॉक्टरों ने बंद किया काम

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हड़ताल

महाराष्ट्र के रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब दिल्ली में देखने को मिल रहा है। दिल्ली के एम्स में भी डॉक्टर महाराष्ट्र के रेजीडेंट डॉक्टरों के समर्थन में खड़े हो गए हैं। इनका कहना है कि इनकी सुरक्षा का किसी को कोई ख्याल नहीं है।

बृहस्पतिवार को राममनोहर लोहिया अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं तो मिलेंगी लेकिन ओपीडी सेवाएं ठप पूरी तरह से रहने की संभावना है।

दूसरी तरफ, एम्स में उक्त घटना के विरोध स्वरूप डॉक्टर हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. विजय गुर्जर ने बताया कि डॉक्टरों के साथ मारपीट और उन्हें धमकी देने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, इसीलिए डॉक्टरों ने अब अपनी सुरक्षा खुद करने का निर्णय लेते हुए हेलमेट पहनकर काम करना शुरू कर दिया है।

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वहीं फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ऑफ दिल्ली (फोडा) ने भी बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ओपीडी सेवाएं ठप रखने का फैसला लिया है।

क्या है मामला

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प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि वो ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकते हैं जहां पर उनकी अपनी ही जान खतरे में पड़ जाए। गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान धुले, नासिक और सायन सहित पांच अस्पतालों में डॉक्टर पर हमले हो चुके हैं। मरीज के रिश्तेदारों का आरोप है कि डॉक्टर ठीक से इलाज नहीं करते हैं।

कोर्ट ने की थी हड़ताल की निंदा

महाराष्ट्र में रेजीडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि मजदूरों की तरह डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना डॉक्टरी पेशे पर कलंक है। कोर्ट ने ये भी कहा कि डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए। महाराष्ट्र  सरकार ने डॉक्टरों को चेतावनी भी दी।

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रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी और जेनरल वार्ड बुरी तरह प्रभावित हैं। सुरक्षा की मांग को लेकर करीब 4000 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार से ही हड़ताल पर हैं। एक हफ्ते में महाराष्ट्र के धुले, नासिक और सायन सहित पांच अस्पतालों में डॉक्टर पर हमले हो चुके हैं।