प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि नोटबंदी के बाद बेईमानों की तो खैर नहीं मगर जो ईमानदार हैं उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की नई गाइडलाइन पर अगर आप नजर डालें तो पसीने छूट जाएंगे। सरकार की तरफ से शादी के लिए ढाई लाख रुपये निकालने की छूट देने के चार दिन बाद अब आरबीआई ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी की हैं। लेकिन इन गाइडलाइंस पर खरा उतर पाना इतना आसान नहीं। रिजर्व बैंक ने इतनी कड़ी शर्तें लगा दी हैं कि यह राशि निकालना राहत से अधिक आफत साबित होने वाला है।
RBI के नियमों के मुताबिक –
- जिनके घर में शादी है वो 30 दिसंबर तक अपने अकाउंट से 2.5 लाख रुपए निकाल सकते हैं। बशर्तें आपके अकाउंट में ये पैसा 8 नवंबर से पहले जमा हुए हों। उसी दिन सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी की घोषणा की थी। वहीं पैसा तभी निकाल पाएंगे जब शादी 30 दिसंबर या उससे पहले हो।
- पैसा या तो दूल्हा-दुल्हन या फिर उनके माता-पिता में से एक व्यक्ति ही निकाल पाएगा।
- वर-वधु पक्ष अलग अलग 2.5 लाख रुपए निकाल सकते हैं।
- ये स्थापित होना चाहिए कि जिन लोगों को ये पैसा दिया जाना है, उनके बैंक अकाउंट नहीं हैं। उन लोगों की सूची सौंपनी होगी जिन्हें उस राशि से भुगतान किया गया है।
- प्रमाण के तौर पर शादी का कार्ड, शादी से जुड़े खर्चों में एडवांस पेमेंट की रसीद भी देनी होगी। शादी-विवाह के नाम पर अपने खातों से 2.5 लाख रुपये निकालने के लिए शादी के कार्ड, मैरिज हॉल और कैटरिंग सेवा के लिए किए गए एडवांस पेमेंट की प्रति देनी होगी।
- शादी के कार्ड के साथ वर-वधु की पूरी जानकारी भी देनी होगी।
- रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि बैंकों को परिवार को नकद के बिना एनईएफटी, आरटीजीएस, चैक, ड्राफ्ट या डेबिट कार्ड जैसे अन्य साधनों से भुगतान के लिए प्रोत्साहित भी करना चाहिए।
मोटे तौर पर समझें तो अगर आपने शादी के लिए कुछ पैसे जमा करके रखे थे और नोटबंदी के बाद ये सोचकर उन्हें अपने अकाउंट में जमा कर चुके हैं कि बैंक से नए नोट ले लेंगे तो अब वो पैसा आप नहीं निकाल सकते। यही नहीं फूलवाले, बिजली वाले बाजा वाले, नाई, हलवाई जैसे हर उस शख्स से आपको नकद भुगतान के बदले रसीद लेनी होगी या फिर लिखवाना होगा कि उसके पास बैंक अकाउंट नहीं हैं। कुल मिलाकर कहानी ये है कि अब आपको हर कौड़ी का हिसाब रखना होगा वरना आपकी खैर नहीं।