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मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने इस मुद्दे पर कहा है कि इस बाबत आयोग के पास राजनीतिक दलों की राय पहुंच चुकी है। इस पर वे विचार विमर्श के बाद फैसला करेंगे। जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ तौर पर बजट को नतीजों तक टालने को खारिज करते हुए कहा कि यह हो नहीं सकता और न इससे पहले कभी हुआ है। केंद्र सरकार बजट को पहले से जल्द इसलिए करना चाहती है ताकि नियत खर्च एक अप्रैल से शुरू हो जाए।
अमूमन फरवरी के आखिर में पेश होने वाला केंद्रीय बजट इस साल से एक फरवरी को पेश होने जा रहा है। मोदी सरकार बजट को लेकर अपनी भूमिका बदलने को तैयार नहीं। ऐसे में चुनाव आयोग को तय करना होगा कि क्या वह बजट भाषण से लोकलुभावन वायदों का पिटारा खुलने देंगे या नहीं।
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