दिल्ली: मोदी सरकार ने भारत में जब से नोटबंदी की घोषणा की है तब से इसके ऊपर कई इंटरनेशनल विशेषज्ञ इस मुद्दे पर अपनी राय दे चुके हैं। किसी ने मोदी सरकार के इस कदम की आलोचना की है तो किसी ने तारीफ। लेकिन अब जो एक विशेषज्ञ जो कि विश्व लेवल पर एक जाने माने अर्थशास्त्री है उनका नोटबंदी पर दिया गया बयान देश के राजनीति गलियारों को भी गरमा सकता है। कहा है कि भारत के नोटबंदी के फैसले के पीछे अमरीका का हाथ है।
जर्मनी के एक अर्थशास्त्री ने नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है कि भारत में नोटबंदी फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है।
जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने कहा कि भारत के साथ बेहतर विदेश नीतियों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सामरिक साझेदारी की घोषणा की थी। इसमें चीन पर लगाम कसने की बात भी थी।
इस साझेदारी के बारे में अमेरिकी सरकार की विकास एजेंसी यूएसएआईडी ने भारतीय वित्त मंत्रालय के साथ सहयोग समझौतों पर बातचीत की थी। इसमें एक गोल यह भी था कि भारत और वैश्विक स्तर पर कैश को पीछे कर डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा।
आगे इस अर्थशास्त्री ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा से चार हफ्ते पहले यूएसएआईडी ने कैटलिस्ट नाम की स्कीम शुरू की जिसका उद्देश्य, भारत में कैशलेस पेमेंट्स को बढ़ावा देना था।