नोटबंदी के मोदी का पहला इंटरव्यू, आइए जानते हैं पीएम ने नोटबंदी की आलोचना पर क्या क्या कहा?

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1.आज भारत एक विकसित राष्ट्र और दुनिया के लीडर के रूप में अपनी निहित क्षमताओं को यथार्थ में बदलने के ऐतिहासिक पल में खड़ा है. वह भारत जहां का किसान खुश, नेता समृद्ध, प्रत्येक महिला सशक्त और युवा रोजगार में लगे हों। वह भारत जहां प्रत्येक परिवार के पास घर और प्रत्येक घर के पास बिजली, पानी और शौचालय जैसी आम सुविधाएं हों. वह भारत जो सभी गंदगियों से स्वच्छ हो।

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2. लगातार संशोधनों के बारे में मोदी ने कहा, नीति और रणनीति के बीच में फर्क करने में सक्षम बनना पड़ेगा और दोनों को एक ही टोकरी में नहीं डालें। विमुद्रीकरण का फैसला, जो हमारी नीति को दर्शाता है, वो बिल्कुल अटल और स्पष्ट है। मगर हमारी रणनीति को अलग होने की जरूरत थी, संक्षेप में ये वो पुरानी कहावत को चरितार्थ करता है ‘तू डाल डाल, मैं पात पात।’

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3. अगर आपके इरादे ईमानदार और स्पष्ट हैं तो नतीजा सबको दिखेगा. मेरे आलोचक जो भी कहें, मैं इससे कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं देख रहा, यह लोगों के हित में है।

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4. यह निर्णय इतना बड़ा है कि हमारे सबसे अच्छे अर्थशास्त्री भी अपनी गणना से भ्रमित हो गए हैं. मगर भारत की 1.25 बिलियन जनता ने इसका दिलोजान से स्वागत और समर्थन किया जबकि उनको बड़ी व्यक्तिगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें इसकी जरूरत और इसके प्रभाव का सहज ज्ञान है।

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