5. मुझे मेरे कुछ विरोधियों और खास कर कांग्रेस के नेतृत्व को उनकी हताशा दिखाने पर दुख होता है। एक तरफ वो कहते हैं कि मैंने यह फैसला राजनीतिक फायदे के लिए लिया है तो दूसरी ओर कहते हैं कि लोगों कोकठिनाई हो रही है और इस फैसले से वो नाखुश हैं. ये दोनों एक साथ कैसे हो सकता है?
6. सरकारन ने संसद को चलाने की भरपूर कोशिश की। वित्त मंत्री ने कांग्रेस से कई मौकों पर डिबेट और संसद को चलने देने की अपील और मैंने भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने का उन्हें आश्वासन दिया। मैं दोनों सदनों में बोलना चाहता था। लेकिन, कांग्रेस की तरफ के उचित बहस की जगह सदन की कार्यवाही को पटरी से उतारने का ठोस प्रयास किया गया।
7. राजनीति में भ्रष्टाचार की बात को कम करने का यह फैशन खतरनाक है। यह कई अन्य दोषियों को इसी अंदाज में कवर देता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं राजनीति में भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करूंगा।
8. मैंने लगातार इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि बार बार चुनावों की हमारी मौजूदा व्यवस्था ना सिर्फ राजनीतिक खर्चा बढ़ाती है और इससे हमारी अर्थव्यवस्था पर भी चोट पहुंचाती है बल्कि इससे देश हमेशा चुनावी मुद्रा में ही रहता है। हमें इस लगातार हो रहे चुनावों को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। मैं संसद और विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं को तलाशने की चुनाव आयोग की पहल की तारीफ करता हूं