तिहाड़ जेल के इतिहास में पहली बार, महिला जेलर ने संभाला पुरुष कैदियों की जेल का जिम्मा

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जेलर
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तिहाड़ जेल में हाल ही में एक इतिहास रचा गया है। तिहाड़ की एक पुरुष जेल का जेलर महिला अफसर को बनाया गया है। तिहाड़ जेल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी पुरुष कैदियों की जेल को पूरी तरह से किसी महिला अफसर के हवाले किया गया हो। इससे पहले यहां की केवल विमिन जेल ही महिला अफसर चलाती थीं, लेकिन डीजी सुधीर यादव ने महिला अफसरों को भी मेल कैदियों की जेल चलाने का अवसर देते हुए यह कदम उठाया है। अब तक यहां महिला जेलरों को सिर्फ महिला जेलों की ही जिम्मेदारी सौंपी जाती थी।

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अंजू मंगला तिहाड़ के नौ जेलों में से एक, जेल नंबर-7 की सुप्रीटेंडेंट बनीं हैं। इस जेल में 18 से 21 वर्ष की उम्र वाले 800 से ज्यादा कैदी हैं। इनमें ज्यादातर चोरी और जेबतराशी के मामलों में बंद हैं। दूसरे नंबर पर लूट और तीसरे नंबर पर दुष्कर्म के आरोपी हैं। अंजू को जेल के डायरेक्टर जनरल सुधीर यादव ने पुरुष जेल की कमान सौंपी है। इससे पहले अंजू मंगला तिहाड़ की महिला जेल, जेल नंबर-6 की जेलर थीं।

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अंजू के स्वभाव और उनके कामकाज के तरीकों से कैदी भी काफी खुश बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ड्यूटी पूरी होने के बाद अंजू रुक कर कैदियों से मिलती हैं ताकि उनकी परेशानियां जानकर उन्हें सुलझा सकें।

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अगले स्लाइड में पढ़ें -पुरुष कैदियों की जेल में जेलर की जिम्मेदारी संभालने के बाद अंजू के दिल की बात 

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