जर्मनी की ग्रीन पार्टी की प्रवक्ता ने कहा है कि अपंग और गंभीर रूप से बीमार लोग अगर पैसे देकर सेक्स करते हैं तो उन्हें यह पैसा सरकार से वापस लेने का हक़ मिलना चाहिए। उन्हें इसके लिए यह साबित करना होगा कि उन्हें चिकित्सीय तौर पर सेक्स की ज़रूरत है और सेक्स वर्कर को पैसा देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं।
सांसद एलिजाबेथ स्कैरफ़ेनबर्ग ने वेल्ट एएम सोनटैग अख़बार से कहा, “मेरा ख़्याल है कि सेक्स करने के लिए स्थानीय अधिकारियों को आर्थिक मदद देनी चाहिए।” जर्मनी में 2002 से वेश्यावृति को क़ानूनी मान्यता प्राप्त है। वेल्ट एएम सोनटैग अख़बार ने लिखा है कि कई सेक्स वर्करों ने नर्सिंग होम में अपनी सेवाएं दी हैं।
नर्सिंग होम में सेक्स संबंधी सलाह देने वालों का कहना है कि वेश्याएं मरीजों के लिए किसी ‘वरदान’ से कम नहीं थीं। नीदरलैंड में इलाज में होने वाले खर्च के तौर पर सेक्स पर होने वाले खर्च को भी शामिल किया जाता है। और इसे सरकार से वापस लेने का दावा करने का भी प्रावधान भी है।