कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए इस बहाने से चंदा जुटा रहा आतंकियों का आका हाफिज सईद

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हाफिज सईद
फाइल फोटो

मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद कश्मीरीयों के मदद के नाम पर पाकिस्तान में चंदा इकट्ठा कर रहा है। ख़बर है कि इसके लिए हाफिज ने कई संगठनों और कैंपों को स्थापित किया है। हाफिज सईद ने कश्मीरियों की ‘मदद’ के नाम पर धन और पशु दान करने की मांग की है। आतंकी सरगना ने पूरे पाकिस्तान में चंदा जुटाने के लिए इस तरह के कैंपों की स्थापना की है। कश्मीरियों की मदद के नाम पर चंदा जुटा रहे हाफिज सईद के मकसद को समझा जा सकता है, जो खुलेआम कश्मीर में आतंकवाद की पैरवी करता रहा है। उसका यह कदम सुरक्षा एजेंसियों की भी चिंता बढ़ाने वाला है।

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जमात-उद-दावा के सरगना ने तहरीक-ए-आजादी और मूवमेंट ऑफ कश्मीर लिबरेशन के नाम पर इन संगठनों की स्थापना की है। इनके बैनरों में हाफिज सईद की तस्वीरें छपी हैं और इनके कैंप लाहौर समेत देश के लगभग सभी बड़े शहरों में मौजूद हैं। यह कश्मीरियों की मदद के नाम पर लोगों से चंदा देने की अपील करते हैं। जमात-उद-दावा से जुड़ा फलाह-ए-इंसानियत नाम के संगठन ने भी देश भर में ‘कश्मीर की आजादी के संघर्ष’ के लिए डोनेशन जुटाने के मकसद से देश भर में कैंप स्थापित किए हैं।

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इन संगठनों के बैनर-पोस्टरों में हाफिज सईद की तस्वीरों के अलावा भारतीय सेना के खिलाफ जंग में मारे गए और घायल हुए आतंकियों की भी तस्वीरें हैं। कई भड़काऊ नारों के साथ इन पोस्टरों में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कश्मीर के संघर्ष के लिए दान की अपील की है। एक बैनर में लिखा है, ‘एक परिवार के राशन के लिए 5,000 रुपये और एक घायल के इलाज के लिए 20,000 रुपये की जरूरत है।’ इसके अलावा ये संगठन बकरीद के मौके पर कुर्बानी के लिए जानवरों या मीट दान करने की भी मांग कर रहे हैं।

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इन पोस्टरों में कहा गया है कि बकरीद के मौके पर इकट्ठा किए जाने वाले पैसे को कश्मीर, फलस्तीन, म्यांमार, सीरिया और पाकिस्तान के ही थारपकड़ और पेशावर के जरूरतमंद परिवारों में बांटा जाएगा। हालांकि लाहौर के सीनियर पुलिस अफसर हैदर अशरफ ने कहा कि पुलिस ने शहर में स्थापित ऐसे दो कैंपों को हटा दिया है। सरकार की ओर से निगरानी सूची में शामिल इन संगठनों की ओर से स्थापित कैंपों को पुलिस ने हटाने का आदेश दिया है।