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दरअसल आरक्षण आंदोलन के दौरान दंगा भडकाने और भडकाऊ बयान देने को लेकर हार्दिक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। हार्दिक को 9 महीने तक सूरत की लाजपोर जेल में बंध रहना पड़ा था। बाद में हार्दिक की 15 जुलाई 2016 को जेल से जमानत पर रिहाई हुई थी। जमानत देते वक्त गुजरात हाइकोर्ट ने हार्दिक को 6 महीने तक गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया था।
अदालत के आदेश के मुताबिक 17 जुलाई के दिन से ही हार्दिक राजस्तान के उदयपुर में रह रहे थे। इस बीच हार्दिक ने पटना जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी हार्दिक मिल चुके है।
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