बिहार सरकार जेलों के रसोई को हाईटेक बनाने जा रही है। आठ केन्द्रीय काराओं में साल के आखिर तक ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक मशीनों से लैश रसोई घर का निर्माण किया जाएगा। सरकार का यह कदम कैदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के साथ साफ-सफाई का ध्यान रखने के लिए यह उठाया जा रहा है।
जेल आईजी आनंद किशोर ने बताया कि कैदियों को मिलने वाले भोजन को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं। मुख्य वजह ज्यादा मात्रा में खाना बनना और कुक का नहीं होना है। कई जेलों में कोयले का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए होता है। इसे देखते हुए आधुनिक रसोई घर बनाने पर काम शुरू किया गया है। पहले चरण में केन्द्रीय काराओं में इसका निर्माण होगा।
आधुनिक रसोई घर में एलपीजी ओवन, फ्लाई किट मशीन, रोटी बनाने की स्वचालित मशीन, राइस ब्वायलर, ग्राइंडर जैसी मशीनें होंगी। सरकार की यह योजना सफल हो इसके लिए एजेंसियों का चयन किया जाएगा। एजेंसियां दो-तीन साल तक कुक को ट्रेनिंग देंगी। इस योजना के तहत बेउर जेल में जल्द ही रोटी बनाने की सेमी ऑटोमेटिक मशीन लगेगी। टेंडर में दिल्ली की एक कंपनी चुनी गई है। मशीन आटा गुथने, रोटी बेलने और उसे सेंकने का काम करेगी। बेउर में खाने के लिए डायनिंग हॉल का भी निर्माण किया जा रहा है। इसकी क्षमता 5 सौ कैदियों की होगी। अभी खाने का कोई तय स्थान नहीं है।
जेलों में खाना बनाने के लिए रसोइया नहीं हैं। ऐसा कोई पद ही नहीं है। सरकार को रसोइयों की बहाली का एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। केन्द्रीय काराओं के लिए 6, मंडल कारा के लिए 4 और उपकारा के लिए 3 पद प्रस्तावित हैं। जबतक स्थाई बहाली नहीं हो जाती रसोइयों को संविदा पर रखा जाएगा।